किसानों के 'दिल्ली मार्च' पर अनुराग ठाकुर का बयान; बोले- प्रदर्शन न करके, बातचीत आगे बढ़ाएं, मोदी सरकार किसान हित में काम कर रही
Union Minister Anurag Thakur Farmers Protest Delhi Chalo March
Anurag Thakur Farmers Protest: केंद्र सरकार के साथ अपनी मांगों को लेकर बात नहीं बनने के बाद किसानों ने दिल्ली के लिए मोर्चा खोल दिया है। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने किसानों से दिल्ली कूच न करके बातचीत जारी रखने की अपील की है। अनुराग ठाकुर ने मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए किए गए कामों की दुहाई दी।
ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र के बढ़ावे के लिए और किसान के कल्याण के बहुत सारे कार्य किए हैं। इस बार जब किसानों ने मांग रखी तब हमने चर्चा के लिए एक दम से सहमति जताई। इस बार भी हमारे केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ गए और कई घंटे तक वार्ता भी की। बातचीत के बीच जब किसान उठ कर चल पड़े तब भी हमने कहा कि चर्चा को जारी रखिए।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब नए मुद्दे जुड़ते जाएंगे तो समय तो लगेगा। हमारा कहना है कि हम नए विषयों पर भी चर्चा करने के लिए तैयार हैं लेकिन इस पर अन्य लोगों से भी बात करनी पड़ेगी, क्या ये गलत हैं?। अनुराग ठाकुर ने कहा कि मैं प्रदर्शनकारियों से बस यही कहूंगा कि हिंसा ना करें, उग्र ना हों। मैं सभी किसान नेताओं से अनुरोध करता हूं कि कृपया करके बातचीत का दौर जारी रखें। किसानों के साथ बातचीत के दरवाज़े सरकार ने सदा खोल रखे हैं।
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि एकदम से नए मुद्दों को चर्चा में जोड़ते रहने से उनका तत्काल समाधान नहीं हो सकता। अगर आप भारत के WTO से अलग होने की बात करोगे, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट खत्म करने की बात करोगे, स्मार्ट मीटर लगाने बंद कर दोगे, पराली वाले विषय पर हमें बाहर कर दोगे या जलवायु के मुद्दे से कृषि को बाहर करने की बात करोगे, दो यह एक दिन के निर्णय नहीं है। इसके लिए दूसरे स्टेकहोल्डर और राज्यों से भी बात करनी होगी। और इसलिए सरकार ने इसके ऊपर विस्तृत चर्चा करने हेतु कमेटी बनाने का प्रस्ताव भी दिया है। सरकार की ओर से ना पहले कमी थी ना अब कमी है।
राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं कुछ लोग
अनुराग ठाकुर ने कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे पर राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं। कांग्रेस के बयान पर मुझे हंसी आती है। 2013-14 में जब उनकी सरकार थी, तब यूपीए काल का सबसे ज्यादा कृषि बजट 27 हजार 662 करोड रुपए था। अभी मोदी सरकार का कृषि बजट 1 लाख 25 हजार करोड़ से ज्यादा है। यानी यूपीए काल से 5 गुना ज्यादा कृषि बजट। उनके समय किसान सम्मान निधि नहीं थी, हमने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 2 लाख 81 हजार करोड रुपए सीधा उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किए हैं। उनके समय के फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को कुछ नहीं मिलता था। मोदी सरकार में डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा किसानों को मिला है। 10 हजार एफपीओ में से 8 हजार बन चुके हैं और इसे लाखों किसान भी जुड़ चुके हैं।
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि कांग्रेस के समय में दाल, गेहूं दलहन और तिलहन की कुल खरीददारी 5 लाख 50 हजार करोड रुपए की हुई। मोदी सरकार ने 18 लाख 39 हजार करोड़ रुपए की खरीददारी की। यानी लगभग साढ़े तीन गुना ज्यादा। हमने दाम भी बढ़ाए और खरीदारी भी दोगुनी से ज्यादा की। वहीं सिंचाई योजनाओं के लिए मोदी सरकार ने डेढ़ गुना ज्यादा यानी लगभग 15 हजार 500 करोड रुपए खर्च किए। उनके समय कृषि ऋण मात्र 7 लाख करोड रुपए के आसपास था जिसे बढ़ाकर हमने 20 लाख करोड रुपए किया है। और यह मात्र पिछले वर्ष का आंकड़ा है।
वहीं कांग्रेस के समय एक्सपोर्ट 2 लाख 62 हजार करोड रुपए का था, हमने 4 लाख 27 हजार करोड़ का किया। इसी प्रकार आप अगर कोई भी दूसरा क्षेत्र लेंगे तो उसमें भी कांग्रेस बिल्कुल फीकी दिखाई देगी। इन्होंने किसानों की भलाई के एक भी कार्य नहीं किए। साठ साल कांग्रेस की केंद्र में सरकार रही मगर किसानों के हित के लिए इन्होंने कुछ नहीं किया। किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह व स्वामीनाथन जी को भारत रत्न मोदी सरकार ने दिया। आज तक कांग्रेस की गारंटियाँ फेल ही हुई हैं, देश को भरोसा सिर्फ़ मोदी की गारंटी पर है।